Vishwa Sanskrit Diwas

3 August 2020

देश की प्राचीन भाषाओं में संस्कृत का मुख्य स्थान हैं. संस्कृत भाषा को सभी आधुनिक भारतीय भाषाओं की जननी माना जाता हैं. इसी से दूसरी अन्य भाषाओं का जन्म माना जाता हैं. भारतीय संस्कृति का आधार कही जाने वाली यह मातृभाषा हमारे संविधान द्वारा सूचीबद्ध 22 राष्ट्रीय भाषाओं में से एक हैं. हमारे अधिकतर धार्मिक ग्रन्थ जिनमे वेद पुराण और गीता की रचना संस्कृत भाषा में हुई. आज विश्व की सबसे सम्पन्न और आधुनिक भाषा कही जाने वाली अंग्रेजी के शब्दकोश के अधिकतर शब्द इसी भाषा से लिए गये हैं. आज से कुछ हजार वर्ष तक संस्कृत भारतीय जन जीवन की आधार भाषा कही जाने वाली संस्कृत आज हासिये पर आ चुकी जिसको जानने और समझने की आज संख्या मुट्ठीभर ही रह गईं हैं.
भले ही संस्कृत को आज वो स्थान प्राप्त नही हैं, जिसकी वो हकदार हैं, मगर इसका महत्व आज भी उतना ही हैं जितना पहले था. क्योंकि इसी की मदद से हमे अन्य भाषाओं का ज्ञान प्राप्त हो सका हैं.

आज के समय में इस देवभाषा के सभी आयामो पर फिर अनुसन्धान कर आमजन में इसके प्रति जागृति लाने की आवश्यकता हैं. क्योंकि यह मात्र एक भाषा न होकर भारतीय संस्कृति का पर्याय भी हैं. हमारी सभ्यता और संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए हमे इस भाषा को अधिक महत्व देना चाहिए. इसी से हमे शिरोधार्य करना होगा इससे ही हमारी विरासत का विकास और उत्थान हो सकता हैं.